सपने में मिलती है - The Indic Lyrics Database

सपने में मिलती है

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले - सुरेश वाडकर | संगीत - विशाल भारद्वाज | फ़िल्म - सत्या | वर्ष - 1998

View in Roman

सपने में मिलती है
ओ कुड़ी मेरी सपने में मिलती है
सारा दिन घुंघटे में बन्द पुड़ियासी
अँखियों में खुलती है
सपने में मिलता है
ओ मुंड़ा मेरा सपने में मिलता है
सारा दिन सड़कों पे खाली रिक्शे सा
पीछे-पीछे चलता है
कोरी है करारी है
भून के उतारी है
कभी कभी मिलती है हो कुड़ी मेरी
ऊँचा लम्बा कद है
चौड़ा भी तो हद है
दूर से दिखता है ओ मुंड़ा मेरा
अरे देखने में तगड़ा है
जंगल से पकड़ा है
सींग दीखता है
सपने में मिलता है ओ मुंड़ा मेरा सपने में मिलता है
सपने में मिलती है ओ कुड़ी मेरी सपने में मिलती है
पाजी है शरीर है
घूमती लकीर है
चकरा के चलती है
सपने में मिलती है ओ कुड़ी मेरी सपने में मिलती है
सपने में मिलता है ओ मुंड़ा मेरा सपने में मिलता है
कच्चे पक्के बेरों से
चोरी के शेरों से
दिल बहलाता है वे मुंड़ा मेरा
गोरा चिट्टा रंग है
चाँद का पलंग है
चांदनी में धुलती है ओ कुड़ी मेरी
दूध का उबाल है
हँसी हो कमाल है
मोतियों में तुलती है
सपने में मिलती है ओ कुड़ी मेरी सपने में मिलती है
सपने में मिलता है ओ मुंड़ा मेरा सपने में मिलता है
नीम शरीफों के
एंवे लतीफों के
किस्से सुनाता है
सपने में मिलता है ओ मुंड़ा मेरा सपने में मिलता है