दिवाने हम यार के, परवाने हम प्यार के - The Indic Lyrics Database

दिवाने हम यार के, परवाने हम प्यार के

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - जतिन पंडित - साधना सरगम | संगीत - जतिन - ललित | फ़िल्म - जो जीता वही सिकंदर | वर्ष - 1992

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दिवाने हम यार के, परवाने हम प्यार के
हमसे हैं नग्मे जवां, हमसे हैं सारा जहां
गुमसुम हो अगर हम, तो घटा छाए
मुस्काए तो विराने संवर जाए
हम रहते है मस्ताने, हर कोई हमे माने
हमसे हैं नग्मे जवां, हमसे हैं सारा जहां
रातों के अंधेरे में जिधर देखो, उजीयाले सवेरे में जिधर देखो
तो हम ही हम मिलते हैं, हम जैसे कम मिलते हैं
हमसे हैं नग्मे जवां, हमसे हैं सारा जहां