बन के तितली दिल उड़ा है, कहीं दूर - The Indic Lyrics Database

बन के तितली दिल उड़ा है, कहीं दूर

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्य | गायक - चिन्मयी श्रीपदा - गोपी सुन्दर | संगीत - विशाल - शेखर | फ़िल्म - चेन्नई एक्सप्रेस | वर्ष - 2013

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बनके तितली दिल उड़ा ,उड़ा, उड़ा है, कहीं दूर
चलके खुश्बू से जुड़ा, जुड़ा, जुड़ा है, कहीं दूर
हादसे ये कैसे, अनसुने से जैसे
चूमे अँधेरों को कोई नूर
सिर्फ कह जाऊँ या, आसमां पे लिख दूँ
तेरी तारीफों में, चश्मेबददूर
भूरी भूरी आँखें तेरी
कनखियों से तेज़ तीर कितने छोड़े
धानी धानी बातें तेरी
उडते-फिरते पंछियों के रुख भी मोड़े
अधूरी थी ज़रा सी, मैं पूरी हो रही हूँ
तेरी सादगी में होके चूर
रातें गिन के नींदें बुन के
चीज़ क्या है ख़्वाबदारी हमने जानी
तेरे सूर का साज़ बन के
होती क्या है रागदारी हमने जानी
जो दिल को भा रही है, वो तेरी शायरी है
या कोई शायरना है फ़ितूर
बन के तितली