सावन की घनघोर घटाओ - The Indic Lyrics Database

सावन की घनघोर घटाओ

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - नूरजहां | संगीत - खुर्शीद अनवारी | फ़िल्म - इंतेज़ार (पाकिस्तान) | वर्ष - 1956

View in Roman


रूम झूम रूम झूम झ न न न न न न


हो सावन की घनघोर घटाओ
सावन की घनघोर घटाओ
तरस गए मेरे नैन
पिया बिन बरस-बरस मत मुझे रुलाओ
सावन की घनघोर घटाओ
रूम झूम रूम झूम झ न न न न न न न
रिमझिम बरसें बादल काले
छम-छम नैना रोते हैं
रिमझिम बरसें
रिमझिम बरसें बादल काले
छम-छम नैना रोते हैं
सावन भादों कि रुत में
कुच्ह ऐसे भी दिन होते हैं
भूल गई मैं तो प्यार के झूले
तुम भी मिलन के गीत ना गाओ
सावन की घनघोर घटाओ
रूम झूम रूम झूम झ न न न न न न
भीगी रुत में कोयल कूके
हूक उठे मेरे सीने में
भीगी रुत में
भीगी रुत में कोयल कूके
हूक उठे मेरे सीने में
साजन से मैं दूर खड़ी हूँ
आग लगे इस जीने में
उजड़ गई मेरे प्यार की दुनिया
मुझ बिरहन का सोग मनाओ
सावन की घनघोर घटाओ
तरस गए मेरे नैन
पिया बिन बरस-बरस मत मुझे रुलाओ
सावन की घनघोर घटाओ
रूम झूम रूम झूम झ न न न न न न $