लेती हैं दम-ब-दम बलायें - The Indic Lyrics Database

लेती हैं दम-ब-दम बलायें

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - NA | संगीत - खुर्शीद अनवारी | फ़िल्म - परख | वर्ष - 1944

View in Roman

माने चाकर राखो जी

माने चाकर राखो जी

चाकर राखो जी संवलिया

माने चाकर राखो जी



माने चाकर राखो जी

को : चाकर राखो जी संवलिया

माने चाकर राखो जी

सि : चाकर रह तू बाबुल गा तू

निसदिन दर्शन पा तू

ब्रिंदापन की कुंजगलिन में

को : ब्रिंदापन की कुंजगलिन में

तेरी लीला गा तू

सि : माने चाकर राखो जी

को : चाकर राखो जी संवलिया

माने चाकर राखो जी

सि : ऊँचीऊँची महल बनाऊँ

जिस बिच राखूँ बारी

साँवरिया के दरशन पाऊँ

को : साँवरिया के दरशन पाऊँ

जाऊँ तनमन वारी

सि : माने चाकर राखो जी

को : चाकर राखो जी संवलिया

माने चाकर राखो जी

सि : जोगी आया जोग करन को

तप करने संयासी

हरिभजन को साधू आया

ब्रिंदाबन के पासी

काहे नीर झरे नैनन से

को : काहे नीर झरे नैनन से

सि : धीर धरो जी मीरा

आधी रात प्रभू दर्शन देते

को : आधी रात प्रभू दर्शन देते

प्रेम नदी के तीरा

सि : माने चाकर राखो जी

को : चाकर राखो जी संवलिया

माने चाकर राखो जी