बन के नज़र दिल की जुबां - The Indic Lyrics Database

बन के नज़र दिल की जुबां

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - आसमान | वर्ष - 1984

View in Roman

बन के नज़र दिल की जुबां
कहने लगी एक दास्तां
जाने कैसा है ये अफ़साना
जाने कैसा आया ये ज़माना
अरे तू भी तो अन्जान है
मैं भी तो अन्जान हूँ
तू भी कुछ हैरान है
मैं भी तो हैरान हूँ
न जाने क्या बातें हुईं तेरे मेरे दरमियां
ऐसा लगता है ये सितारे
जैसे करते हैं कुछ इशारे
अरे न आँखों में नींद है न दिल में क़रार है
क्या हो जाए क्या पता कोई ऐतबार है
एक ये उमर, दूजे ये रात उस पे सितम ये समाँ