ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी - The Indic Lyrics Database

ले गए पहलू से दिल चोरी चोरी

गीतकार - आह सीतापुरी | गायक - रोशनारा बेगम, सहगान | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - पहली नज़र | वर्ष - 1945

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मंज़िल की धुन मे झूमते गाते चले चलो

मंज़िल की धुन मे झूमते गाते चले चलो

बिछड़े हुए दिलों को मिलाते चलो चलो

हाँ मिलाते चलो चलो

दो दिन की ज़िंदगी में कोई क्यूँ उठाये ग़म

कोई क्यूँ उठाये ग़म

नग़्में ख़ुशी के सब को सुनाते चले चलो

बिछड़े

इन्सानियत तो प्यार मोहब्बत का नाम है

मोहब्बत का नाम है

इन्सानियत की शान बढ़ाते चलो चलो

बिछड़े हुए

आज़ाद ज़िंदगी है तो बर्बाद क्यूँ रहे

बर्बाद क्यूँ रहे

बर्बादियों से दिल को बचाते चले चलो

बिछड़े हुए

मंज़िल