कुछ ऐसा छेड़ - The Indic Lyrics Database

कुछ ऐसा छेड़

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - आशा: | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - रागिनी | वर्ष - 1958

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कुछ ऐसा छेड़ उमंगों का राग आज की रात
के जाए ख़ाब जवानी के जाग आज की रात
ज़माना जिसको मोहब्बत की आग कहता है
दिल-ओ-जिगर में लगा दें वो आग आज की रात
आँ
( तुझे देख के मचल गया आज मेरा मन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन )
वो मुस्कुराये इनायत इसी को कहते हैं
नज़र चुराये शरारत इसी को कहते हैं
ये मीठी आँख मिचौली ये दिल्लगी ये अदा
अजी हुज़ूर मुहब्बत इसी को कहते हैं
आँ
( तुझे देख के मचल गया आज मेरा मन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन )

तू है सलीम मेरा मैं तेरी अनारकली
क़ुबूल कर मेरी उल्फ़त की पुरबहार कली
ओ ताजदार मेरे इश्क़ की बहार है तू
खिला दे आज मेरे दिल की बेकरार कली
आँ
( तुझे देख के मचल गया आज मेरा मन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन
मेरे दिल की पायल बाजे सैयाँ छन छन छन )