लाई कुशी की दुनिया हंसती हुई जवानी - The Indic Lyrics Database

लाई कुशी की दुनिया हंसती हुई जवानी

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - मुकेश, सुरैया | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - विद्या | वर्ष - 1948

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सु : हा हा
लाई ख़ुशी की दुनिया हँसती हुई जवानी
लाई ख़ुशी की दुनिया
मु : अब बस में फूल के है बुलबुल की ज़िंदगानी
सु : लाई ख़ुशी की दुनिया हँसती हुई जवानी
लाई ख़ुशी की दुनियामु : अपनी नज़र का जादू -२
क्या पूछते हो हमसे
देखो जो मुस्करा के हो जाये आग पानी
सु : लाई ख़ुशी की दुनिया हँसती हुई जवानी
लाई ख़ुशी की दुनियासु : तुम नींद बन के जब से आँखों में
आँखों में घुल गये हो
नींद बन के जब से आँखों में घुल गये हो
सपनों में नाचती है -२
हँस-हँस के ज़िंदगानी
दो : लाई ख़ुशी की दुनिया हँसती हुई जवानी
लाई ख़ुशी की दुनियामु : दीपक की रोशनी पर
जलते हैं क्यूँ पतंगे -२
सु : एक आप का है क़िस्सा
एक है मेरी कहानी
दो : लाई ख़ुशी की दुनिया हँसती हुई जवानी
लाई ख़ुशी की दुनिया