हमाराही दरो नहीं होंगे कामायाब कोरस - The Indic Lyrics Database

हमाराही दरो नहीं होंगे कामायाब कोरस

गीतकार - योगेश | गायक - सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - (गैर फिल्म) | वर्ष - 1980s

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हमराही डरो नहीं होंगे कामयाब
हमराही डरो नहीं होंगे कामयाबमुश्किलें हर क़दम हैं डगर-डगर
लाखों हाथ एक साथ साथ हैं मगर
दूर हैं मंज़िलें कर न तू फ़िकर
चीर के अँधेरी रात लायेंगे आफ़ताब ||स्थायी||चल रे मिलके चल, धुन बजे मगन
उमड़-घुमड़ कर छा रहे बादल
अब हमें तो दर्द का न ख़ौफ़ है ज़रा
हम हरी-भरी बनायेंगे वसुन्धरा
अब तो न रुकना अब तो न थकना
मुड़ के देखो ना
चुकाना है हमें तो अब पुराना हर हिसाब ||१||अलग-अलग धरम, अलग-अलग करम
अलग नहीं है हम, एक सब का ग़म
मज़हबों के नाम पे हमें लड़ा दिया
नफ़रतों से रिश्ता प्यार का मिटा दिया
अब तो न सहना, चुप नहीं रहना
तुमको है क़सम
मिलके अब लिखेंगे हम तो एक नयी किताब ||२||