कहता है ये दिल चल उनसे मिल - The Indic Lyrics Database

कहता है ये दिल चल उनसे मिल

गीतकार - नखशाबी | गायक - प्रेमलता | संगीत - नशद | फ़िल्म - नगमा | वर्ष - 1953

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कहता है ये दिल
कहता है ये दिल चल उनसे मिल
उठते हैं क़दम रुक जाते हैं -२
दिल हमको कभी
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं -२दिल आका उनसे प्रीत हुई
ये हार हुई या जीत हुई
वो जान के धोखा देते हैं
हम जान के धोखा खाते हैं -२सीने में खटक सी बाकी है
मिलने में झिझक सी बाकी है
नज़रों को भी लाज आती है
अरमान अभी शरमाते हैं -२कहता है ये दिल चल उनसे मिल
उठते हैं क़दम रुक जाते हैं -२बहकी है नज़र बेताब है दिल
बेरंग है हर रंगीं महफ़िल
क्या प्यार की पहली मंज़िल में
ऐसे भी ज़माने आते हैं -२कहता है ये दिल चल उनसे मिल