कोई तो सुने मेरे ग़म का फ़साना - The Indic Lyrics Database

कोई तो सुने मेरे ग़म का फ़साना

गीतकार - श्याम लाल | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - मल्हार | वर्ष - 1951

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कोई तो सुने मेरे ग़म का फ़साना
कहीं मार डाले न ज़ालिम ज़माना
क़फ़स में ऐ बुलबुल तू जी भर के रो ले
चमन में तेरा जल गया आशियाना
कहीं मार डाले न
क़सम है तुम्हें मेरी बरबादियों की
मेरी मौत पर भी न आँसू बहाना
कहीं मार डाले न