ऐ दिल मचल मचल के यूँ - The Indic Lyrics Database

ऐ दिल मचल मचल के यूँ

गीतकार - बूटाराम शर्मा | गायक - लता | संगीत - लच्छी राम | फ़िल्म - मैं सुहागन हूं | वर्ष - 1964

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ऐ दिल मचल मचल के यूँ, रोता है ज़ार ज़ार क्या
ऐ दिल मचल मचल के यूँ, रोता है ज़ार ज़ार क्या
अपना चमन उजड़ गया, आयेगी अब बहार क्या
अपना चमन उजड़ गया, आयेगी अब बहार क्या
ऐ दिल मचल मचल के यूँ, रोता है ज़ार ज़ार क्या
पहले ज़रा हँसा दिया, जी भर के फिर रुला दिया
पहले ज़रा हँसा दिया, जी भर के फिर रुला दिया
क़िस्मत पे इख़्तियार क्या, क़िस्मत का ऐतबार क्या
अपना चमन उजड़ गया, आयेगी अब बहार क्या
ऐ दिल मचल मचल के यूँ ...
टूटा है इस तरह से दिल
काँप उठी है ज़िंदगी, काँप उठी है ज़िंदगी
टूटा है इस तरह से दिल
काँप उठी है ज़िंदगी, काँप उठी है ज़िंदगी
जीते जी हम तो मर गये, मौत का इंतज़ार क्या
अपना चमन उजड़ गया, आयेगी अब बहार क्या
ऐ दिल मचल मचल के यूँ, रोता है ज़ार ज़ार क्या