ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल - The Indic Lyrics Database

ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल

गीतकार - मजरूह | गायक - द्विजेन मुखर्जी / लता | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - माया | वर्ष - 1961

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ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल
ना कोई दीपक है ना कोई तारा है
गुम है ज़मीं दूर आसमाँ
ऐ दिल कहाँ तेरि मंज़िल
ढल गये नादाँ वो आँचल के साये
रह गये रस्ते में अपने पराये
रह गये अपने पराये
साथी भी छूटा बन्धन भी टूटा
ना हमसफ़र ना कारवाँ
ऐ दिल कहाँ तेरी मंज़िल ...
किस लिये मिल मिल के दिल छुटते हैं
किस लिये बन बन महल टूटते हैं
किस लिये दिल टूटते हैं
पत्थर से पूछा शीशे से पूछा
ख़ामोश है सब कि ज़बाँ
ऐ दिल कहाँ तेरी मंज़िल ...