अगर सुन ले तो इक नगमा हुज़ूर - The Indic Lyrics Database

अगर सुन ले तो इक नगमा हुज़ूर

गीतकार - मजरूह | गायक - किशोर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - एक राज | वर्ष - 1963

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अगर सुन ले तो इक नगमा हुज़ूर-ए-यार लाया हूँ
वो कली चटकी कि दिल टूटा पर इक झंकार लाया हूँ
अगर सुन ले तू एक नग़मा ...
मुझे मालूम है इतना कि मैं क्या मेरी क़ीमत क्या
जो सब कुछ था जो कुछ भी नहीं ऐसा प्यार लाया हूँ
अगर सुन ले तू इक नग़मा ...
अचानक आ गिरी बिजली तो फिर सूरत यही निकली
उजड़ गया दिल तो अब ज़ख़्मों का गुलज़ार लाया हूँ
अगर सुन ले तू इक नग़मा ...
अजब हूँ मैं भी दीवाना अजब है मेरा नज़राना
के उनके लिए अपनी वफ़ा का टूटा हार लाया हूँ
अगर सुन ले तू इक नग़मा ...