नज़रें मिल जाती हैं ऐसा क्यूं होता हैं - The Indic Lyrics Database

नज़रें मिल जाती हैं ऐसा क्यूं होता हैं

गीतकार - श्याम अनुरागी | गायक - सोनू निगम, चित्रा | संगीत - मिलिंद सागर | फ़िल्म - प्यार किया नहीं जाता | वर्ष - 2002

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नज़रें मिल जाती हैं दिल भी खो जाता है
जाने अन्जाने कोई अपना हो जाता है
ऐसा क्यूँ होता है इतना बता दे कोई
ऐसा क्यूँ होता ...चाहत की लहरों में तूफ़ानी हलचल है जानम ओ जानम
ऐसे में मिलने को कहता है सतरंगी मौसम ये मौसम
आ प्यार में कुछ ना किसी से कहें हम
बस यूँ मिलें ना हो मोहब्बत कभी कम
जागे जागे जागे जागे अरमां दिल के
तुझमें समा के मोहब्बत जगाने लगे
मेरा दीवानापन मुझको तरसाता है
रह रह दिल को कोई पागल कर जाता है
हर इक नज़ारे में देखूँ तुम्हारा ही चेहरा ये चेहरा
होने लगा है मोहब्बत का रंग और गहरा रंग गहरा
आ झूम लें पल ये नहीं इंतज़ार का
तुम पास हो दे दो नशा अब करार का
तुम जो बोलो हम वो मानें
बस प्यार का यार इकरार बन जाएँ हम
इक पल में सदियों का हमदम बन जाता है
नज़रें मिल जाती हैं ...