अब रंज से कुशी से बहार ओ किज़ा से क्या - The Indic Lyrics Database

अब रंज से कुशी से बहार ओ किज़ा से क्या

गीतकार - रवींद्र जैन | गायक - हेमलता | संगीत - रवींद्र जैन | फ़िल्म - दुल्हन वही जो पिया मन भाये | वर्ष - 1977

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अब रंज से ख़ुशी से बहार-ओ-ख़िज़ा से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम को जहाँ से क्याउनका ख़याल उनकी तलB उनकी आरज़ू
जिस दिल में वो हो, माँगे किसी महरबाँ से क्याहम ने चिराग़ रख दिया तूफ़ाँ के सामने
पीछे हटेगा इश्क़ किसी इम्तहाँ से क्याकोई चले चले न चले हम तो चल पड़े
मंज़िल की धुन हो जिसको उसे कारवाँ से क्याये बात सोचने की है वो हो के महरबाँ
पूछेंगे हाल-ए-दिल तो कहेंगे ज़बाँ से क्या