ये रास्ते हैं प्यार के चलना संभल संभल के - The Indic Lyrics Database

ये रास्ते हैं प्यार के चलना संभल संभल के

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवी | फ़िल्म - दो रास्ते | वर्ष - 1969

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ये रास्ते हैं प्यार के चलना संभल संभल के
यहाँ लूटते हैं दिल को अरमां मचल मचल के
जो भी इस तरफ से गुजरा कभी लौट के ना आया
आया तो साथ अपने बेताबियां ही लाया
गुजरेगी उम्र सारी पहलू बदल बदल के
इस अंजुमन में समझा जिसको चिराग दिलका
देखा करीब से तो निकला वो दाग़ दिलका
परवाना जो बनेगा रह जायेगा वो जलके