मेरी दुश्मन है ये ये खिदाकी जो बंद रहती है - The Indic Lyrics Database

मेरी दुश्मन है ये ये खिदाकी जो बंद रहती है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - मैं तुलसी तेरे आंगन की | वर्ष - 1978

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मेरी दुश्मन है ये मेरी उलझन है ये
बड़ा तड़पाती है दिल को तरसाती है
( ये खिड़की ) -२ जो बन्द रहती है -२
मेरी दुश्मन है ये ...लगता है मेला न जाने कहाँ
आशिक़ जमा होते हैं जहाँ
अरे सबको पता है ये दास्ताँ
इस घर में है एक लड़की जवाँ
आँखें झुका के गुज़रो इस गली से
आने-जाने वालों से कहती है
ये खिड़की जो बन्द ...ग़म की घटा है ये छट जाएगी
आहों से दीवार फट जाएगी
जब सामने से ये हट जाएगी
घूँघट में गोरी सिमट जाएगी
इक रोज़ गिर जाएगी टूट के ये
कितने नज़रों के तीर सहती है
ये खिड़की जो बन्द ...आए कभी चौबारे पे वो
कुछ सोचे मेरे बारे में वो
अरे बातें करे दो इशारे में वो
चुप सी खड़ी है उस किनारे पे वो
उस पार वो है और इस पार मैं हूँ
नदिया बीच में बहती है
ये खिड़की जो बन्द ...