आवारा हुं या गर्दिश में हुं - The Indic Lyrics Database

आवारा हुं या गर्दिश में हुं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - आवारा | वर्ष - 1951

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(आवारा हूँ, आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ )-२
आवारा हूँ, आवारा हूँघरबार नहीं, संसार नहीं
मुझसे किसीको प्यार नहीं-२
उसपार किसीसे मिलने का इक़रार नहीं
मुझसे किसीको प्यार नहीं-२
सुनसान नगर अन्जान डगर का प्यारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँआबाद नहीं बरबाद सही
गाता हूँ खुशीके गीत मगर-२
ज़ख्मों से भरा सीना है मेरा
हंसती है मगर ये मस्त नज़र
दुनिया ऽऽऽ
दुनिया में तेरे तीर का या तकदीर का मारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँ
या गर्दिश में हूँ आसमान का तारा हूँ
आवारा हूँ, आवारा हूँ