हम है राही प्यार के हमसे कुछ न बोलिए - The Indic Lyrics Database

हम है राही प्यार के हमसे कुछ न बोलिए

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - नौ दो ग्यारह | वर्ष - 1957

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हम हैं राही प्यार के हमसे कुछ न बोलिए
जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए
दर्द भी हमें कबूल, चैन भी हमें कबूल
हमने हर तरह के फूल हार में पिरो लिए
धूप थी नसीब में, धूप में लिया है दम
चांदनी मिली तो हम, चांदनी में सो लिए
दिल पे आसरा किये, हम तो बस यूँ ही जिए
एक कदम पे हँस लिए, एक कदम पे रो लिए
राह में पड़े हैं हम, कब से आप की कसम
देखिये तो कम से कम, बोलिए न बोलिए