हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाजार की तरह - The Indic Lyrics Database

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाजार की तरह

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - दस्तक | वर्ष - 1970

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हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाजार की तरह
उठती है हर निगाह ख़रीदार की तरह
वो तो कहीं है और मगर दिल के आसपास
फिरती है कोई शै निगाह-ए-यार की तरह
मजरूह लिख रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का नाम
हम भी खड़े हुये हैं गुनहगार की तरह