मेरी दुनिया है तुझ में कहीं - The Indic Lyrics Database

मेरी दुनिया है तुझ में कहीं

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमुर्ती - सोनू निगम | संगीत - जतिन - ललित | फ़िल्म - वास्तव | वर्ष - 1999

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मेरी दुनिया है तुझ में कहीं
तेरे बिन मैं क्या, कुछ भी नहीं
मेरी जान में तेरी जान है, ओ साथी मेरे
पलकों में तेरे रूप का सपना सजा दिया
पहली नज़र में ही तुझे अपना बना लिया
है यही आरज़ू, हर घड़ी बैठी रहो मेरे सामने
ऐसा लगा मेरे सनम, हम जो यहाँ मिले
सहरा में जैसे शबनमी चाहत के गुल खिले
ये जमीं, आसमांन, कह रहें, हम तो कभी न होंगे जुदा