मेरी दास्तां मुझे ही मेरा दिल सुना के रोये - The Indic Lyrics Database

मेरी दास्तां मुझे ही मेरा दिल सुना के रोये

गीतकार - Nil | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - आओ प्यार करें | वर्ष - 1964

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मेरी दास्तां मुझे ही मेरा दिल सुना के रोये
कभी रो के मुस्कुराये, कभी मुस्कुराके रोये
मिले ग़म से अपने फ़ुरसत
तो मैं हाल पूछूँ उसका
शब-ए-ग़म से कोई कह दे
कहीं और जा के रोये
हमें वास्ता तड़प से
हमें काम आंसुओं से
तुझे याद करके रोये
या तुझे भुला के रोये
वो जो आज़मां रहे थे
मेरी बेक़रारीओं को
मेरे साथ साथ वो भी
मुझे आज़मां के रोये