तमन्ना लुट गई ना मिलता गम तो बरबादी के अफसाने - The Indic Lyrics Database

तमन्ना लुट गई ना मिलता गम तो बरबादी के अफसाने

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अमर | वर्ष - 1954

View in Roman

हो, तमन्ना लुट गई फिर भी तेरे दम से मोहब्बत है
मुबारक ग़ैर को ख़ुशियाँ मुझे, ग़म से मोहब्बत हैन मिलता ग़म तो बरबादी के अफ़साने कहाँ जाते
अगर दुनिया चमन होती, तो वीराने कहाँ जातेचलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला
जी, कोई ग़ैर तो निकला
अगर होते सभी अपने, तो बेगाने कहाँ जातेदुआएं दो मोहब्बत हमने मिटकर तुमको सिखलादी
मोहब्बत तुमको सिखलादी
न जलते शमा में तो पर्वाने कहाँ जातेतुम्हीं ने ग़म की दौलत दी बड़ा अहसान फ़र्माया,
बड़ा अहसान फ़र्माया
ज़माने भर के आगे हाथ फैलाने कहाँ जाते