एक हसरत थी की आंचल का मुझे प्यार मिले - The Indic Lyrics Database

एक हसरत थी की आंचल का मुझे प्यार मिले

गीतकार - राम अवतार त्यागी | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - जिंदगी और तूफ़ान | वर्ष - 1975

View in Roman

एक हसरत थी की आंचल का मुझे प्यार मिले
मैने मंज़िल को तलाशा मुझे बाज़ार मिले
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है
मुझको पैदा किया संसार में दो लाशों ने
और बर्बाद किया कौम के अय्याशों ने
तेरे दामन में बता मौत से ज़्यादा क्या है
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है
जो भी तस्वीर बनता हूं बिगड़ जाती है
देखते देखते दुनिया ही उजड़ जाती है
मेरी कश्ती तेरा तूफान से वादा क्या है
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है
तूने जो दर्द दिया उसकी कसम ख़ाता हूं
इतना ज़्यादा है की एहसां से दबा जाता हूं
मेरी तक़दीर बता और तक़ाज़ा क्या है
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है
मैने जज़्बात के संग खेलते दौलत देखी
अपनी आँखो से मोहब्बत की तिजारत देखी
ऐसी दुनिया में मेरे वास्ते रखा क्या है
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है
आदमी चाहे तो तकदीर बदल सकता है
पूरी दुनिया की वो तस्वीर बदल सकता है
आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है
ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है