हम चुप हैं के दिल सुन रहे हैं - The Indic Lyrics Database

हम चुप हैं के दिल सुन रहे हैं

गीतकार - शहरयारी | गायक - लता - किशोर | संगीत - शिव हरी | फ़िल्म - फासले | वर्ष - 1985

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हम चुप हैं के दिल सुन रहें हैं
धड़कनों को, आहटों को, साँसे रुक सी गई हैं
देखो अब दुनिया को गौर से
पहले से नई, पहले से हसीं
हम-तुम को मिलना था, मिल गए
क्या ये आसमां, कौन ये ज़मीं
हम जो देखे, तुमको देखे
साँसे रुक सी गई हैं
लफ्जों में जिन को ना कह सके
आँखों से कहे, होठों से सुने
खुशबू के साये में बैठ के
फूल हम चुने, ख़्वाब हम बुने
इस के आगे, कुछ ना सोचे
साँसे रुक सी गई हैं