कहीं ऐसा न हो दामन जला लो - The Indic Lyrics Database

कहीं ऐसा न हो दामन जला लो

गीतकार - लियाकत अली आज़िम | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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कहीं ऐसा न हो दामन जला लो
हमारे आँसुओं पर ख़ाक डालो
मनाना ही ज़रूरी है तो फिर तुम
हमें सब से ख़फ़ा होकर मना लो
बहोत रोई हुई लगती हैं आँखें
मेरी ख़ातिर ज़रा काजल लगा लो
अकेलेपन से ख़ौफ़ आता है मुझको
कहाँ हो ऐ मेरे ख़्वाबों ख़यालों
बहोत मायूस बैठा हूँ मैं तुमसे
कभी आकर मुझे हैरत में डालो