हम भी अगर बच्चे होते - The Indic Lyrics Database

हम भी अगर बच्चे होते

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफी - मन्ना डे - आशा भोसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - दूर की आवाज | वर्ष - 1964

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हम भी अगर बच्चे होते
नाम हमारा होता गबलू बबलू
खाने को मिलते लड्डू
और दुनिया कहती हैप्पी बर्थ डे टू यू
कोई लाता गुड़िया, मोटर, रेल
तो कोई लाता फिरकी, लट्टू
कोई चाबी का टट्टू
और दुनिया कहती हैप्पी बर्थ डे टू यू
कितनी प्यारी होती है ये भोली सी उमर
न नौकरी की चिंता न रोटी की फ़िकर
नन्हे-मुन्ने होते हम तो देते सौ हुकम
पीछे-पीछे डैडी-मम्मी बनके नौकर
चॉकलेट, बिस्कुट, टॉफ़ी खाते और पीते दुद्दू
और दुनिया कहती हैप्पी बर्थ डे टू यू
कैसे-कैसे नख़रे करते घर वालों से हम
पल में हँसते पल में रोते करते नाक में दम
अक्कड़-बक्कड़ लुक्का-छुपी कभी छुआ-छू
करते दिन भर हल्ला-गुल्ला दंगा और उधम
और कभी ज़िद पर अड़ जाते जैसे अड़ियल टट्टू
और दुनिया कहती हैप्पी बर्थ डे टू यू
अब तो है ये हाल के जब से बीता बचपन
माँ से झगड़ा, बाप से टक्कर, बीवी से अनबन
कोल्हू के हम बैल बने हैं, धोबी के गधे
दुनिया भर के डंडे सर पे खाए दनादन
बचपन अपना होता तो न करते ढेंचू-ढेंचू
और दुनिया कहती हैप्पी बर्थ डे टू यू