कहे झूम झूम रात ये सुहानी - The Indic Lyrics Database

कहे झूम झूम रात ये सुहानी

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - प्रेम विवाह | वर्ष - 1959

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कहे झूम झूम रात ये सुहानी
पिया हौले से छेड़ो दुबारा, वही कल की रसीली कहानी
सुन के जिसे दिल मेरा धड़का, लाज के सर से आँचल सरका
रात ने ऐसा जादू फेरा और ही निकला रंग सहर का
मस्तीभरी ये खामोशी, चुप हूँ खड़ी देखो मैं खोई सी
देख रही हूँ मैं एक सपना, कुछ जागी सी, कुछ सोई सी
तन भी तुम्हारा, मन भी तुम्हारा, तुम से ही बालम जग उजियारा
रोम रोम मेरा आज मनाये, छूटे कभी ना साथ हमारा