आ जा रे ऽऽऽ परदेसी - The Indic Lyrics Database

आ जा रे ऽऽऽ परदेसी

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मधुमती | वर्ष - 1958

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आ जा रे ऽऽऽ परदेसी
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ थक गई पंथ निहार
आ जा रे, परदेसी

(मैं दिये की ऐसी बाती
जल न सकी जो बुझ भी न पाती)-2
आ मिल मेरे जीवन साथी, ओ
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार ...

(तुम संग जनम-जनम के फेरे
भूल गये क्यूँ साजन मेरे)-2
तड़पत हूँ मैं साँझ सवेरे, ओ
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार ...

(मैं नदिया फिर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा बात ज़रा-सी)-2
बिन तेरे हर रात उदासी, ओ
आ जा रे, मैं तो कब से खड़ी इस पार ...

Part 2
(फिर आई रात, अँधेरा छाया
मुझसे बिछड़ गई मेरी ही काया)-2
कित जाऊँ ये भेद न पाया, ओ
आ जा रे, परदेसी$