ज़िंदगी दी थी जो ये आरज़ू थी कभी हम बहार देखेंगे - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी दी थी जो ये आरज़ू थी कभी हम बहार देखेंगे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - बारिश | वर्ष - 1957

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ज़िंदगी दी थी जो जीने का मज़ा क्यूँ न दिया

मेरी क़िसमत में ये आराम क्यूँ न दिया
क्यूँ न दियाये आरज़ू थी कभी हम बहार देखेंगे -२
किसे पता था ख़िज़ाँ बार बार देखेंगेकरार पा के भी क़िसमत में बेकरारी है -२
वो और होंगे जो जी का करार देखेंगे -२अभी तो प्यार का इक ख़ाब हमने देखा है -२
गले में कब तेरी बाँहों का हार देखेंगे -२तेरा मिलाप जिदाई से कम नहीं है सनम -२
तमाम उम्र तेरा इंतज़ार देखेंगे -२ये आरज़ू थी कभी हम बहार देखेंगे