दिल की गहराईयों दोस्तों में कोई बातो - The Indic Lyrics Database

दिल की गहराईयों दोस्तों में कोई बातो

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रेम कहानी | वर्ष - 1975

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दिल की गहराइयों तक नज़र जाती है
तीर बनकर जिगर में उतर जाती हैदोस्तों में कोई बात चल जाती है -२
दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती है
दोस्तों में कोई बात चल जाती है -२राज़-ए-दिल अब छुपाने से क्या फ़ायदा -२
इस लगी को बुझाने से क्या फ़ायदा क्या फ़ायदा
आग बुझ जाती है चीज़ जल जाती है -२
दोस्ती दुश्मनी में ...क्या हुआ गर शिकायत का मौका दिया -२
सबने अच्छा किया हमको धोका दिया हमको धोका दिया
ज़िंदगी लड़खड़ाकर स.म्भल जाती है -२
दोस्ती दुश्मनी में ...