हम और तुम, तुम और हम - The Indic Lyrics Database

हम और तुम, तुम और हम

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता - किशोर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - दाग | वर्ष - 1973

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हम और तुम, तुम और हम
खुश हैं यूँ आज मिलके
जैसे किसी संगम पर
मिल जाएँ दो नदियाँ
तनहा बहते-बहते
मुड़ के क्यों देखे, पीछे चाहे कुछ भी हो
चलते ही जाएँ, नई मंज़िलों को
रस्ते आसां है, नहीं आज हम दो
तू मेरी बाहों में, मैं तेरी बाहों में
लहराएँ राहों में, चले झूमते
ज़ुल्फों को खिलने दो, साँसों को घुलने दो
दिल से दिल तुलने दो
दीवाने हो जाएँ, कोहरे में खो जाएँ
मिल के यूँ सो जाएँ
जैसे किसी परबत पर, मिल जाएँ दो बादल
तनहा उड़ते-उड़ते