दारू की बोतल में - The Indic Lyrics Database

दारू की बोतल में

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - मजबूर | वर्ष - 1970

View in Roman

दारू की बोतल में साहेब पानी भरता है
फिर ना कहना michalदारू पी कर दंगा करता है

शी शीश ए कैसा करता ऐसा काहे को होता
देख ले जिस दिन michalको रात को सेठ नहीं सोता
ख़ुद चोरी करता है लेकिन चोर से डरता है
फिर ना कहना ...

जंगल में हैं मोर बड़े शहर में हैं चोर बड़े
अपने भी उस्ताद यहाँ पड़े हुए और बड़े
michalतो लोगों की बस ख़ाली जेब कतरता है
फिर ना कहना ...

साल-महीने के लिए खाने-पीने के लिए
कितना पैसा चाहिए आख़िर जीने के लिए
लोग दीवाने हैं जो इस पैसे पे मरता है
फिर ना कहना ...