इक याद किसी की याद रहिय - The Indic Lyrics Database

इक याद किसी की याद रहिय

गीतकार - एहसान रिज़विक | गायक - शमशाद बेगम, जी.एम. दुर्रानी | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - शाम | वर्ष - 1946

View in Roman

ग़ंड:
इक याद किसी कि याद रही और सारी दुनिया भूल गये
दिल ग़म के गीत सुनाता है आराम का णग़मा भूल गयेSःआ:
है दिल के साज़ की दुहरी लय
दुख-दर्द भी है आराम भी है
क्यूं ग़म की लम्भी तानों में
तुम गीत ख़ुशी का भूल गये
इक याद किसी कि याद रही और सारी दुनिया भूल गयेग़ंड:
क्यूंकर मैं हँसूँ दिल रोता है
अब ख़ून भी आँसू होता है
बेआस जहां में रोते हैं
जीने की तमन्ना भूल गये
इक याद किसी कि याद रही और सारी दुनिया भूल गयेSःआ:
जो तारा डूबा चमकेगा
जो शमा बूझी,हाँ, जल जायेगी
शब गुज़रेगी दिन निकलेगा
और नई ख़ुशी फिर आयेगी
क्यूँ ग़म की अंधेरी रातों में
तुम दिन का निकलना भूल गये
इक याद तुमहारीग़ंड:
हाँ याद तुमहारीडोणोण:
याद रही और सारी दुनिया भूल गये
इक याद तुमहारी याद रही, याद रही