हम और तुम और ये समा, क्या नशा नशा सा है - The Indic Lyrics Database

हम और तुम और ये समा, क्या नशा नशा सा है

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - दिल देके देखो | वर्ष - 1959

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हम और तुम और ये समा, क्या नशा नशा सा है
बोलिये ना बोलिये, सब सुना सुना सा है
बेकरार से हो क्यों हमको पास आने भी दो
गिर पड़ा जो हाथ से वो रुमाल उठाने भी दो
बनते क्यों हो जाने भी दो
आज बात बात पे आप क्यों संभलने लगे
थरथराये होंठ क्यों, अश्क क्यों मचलने लगे
लिपटे गेसूं खुलने लगे