एक लड़की थी कितनी शर्मीली - The Indic Lyrics Database

एक लड़की थी कितनी शर्मीली

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लव यू हमशा | वर्ष - 2001

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एक लड़की थी कितनी शर्मीलि हो गई रे मैं कैसी रंगीली -२नागिन बन के मुझसे लिपट गई मेरी चुनरिया पीली-पीली -२एक लड़की थी कितनी शर्मीलि हो गई रे मैं कैसी रंगीलीमेरे बचपन छोड़ दे बैंयाँ मेरा यौवन मेरा सैंयाँहाथ में उसके हाथ मैं दे दूँ आगे जीवन भूल-भुलैयाँदिल की गलियों में आये बंजारे बेच रहे वो सपने कुँवरेछेड़ी किसने बंसी पे धुन सुरीलीएक लड़की थी कितनी शर्मीलि हो गई रे मैं कैसी रंगीलीछन-छनचूड़ियाँ हाथों में खन-खन पायलें रातों में छन-छनजल गई रे बरसातों में आ गई दिल की बातों मेंचूड़ियाँ हाथों में खन-खन पायलें रातों में छन-छन
जल गई रे बरसातों में आ गई दिल की बातों मेंहनाम का सावन बूँद-बूँद बरसे पतझड़ जैसा ये मन तरसेकैसी बदन में आग लगी ये मैं तो आ गई बाहर घर सेकारे बदरा तू मुझको भिगो दे डूब जाऊँ मैं मुझको डुबो देकैसी प्यारी रुत है ये मीठी सुरीलीएक लड़की थी कितनी शर्मीलि हो गई रे मैं कैसी रंगीली -२
नागिन बन के मुझसे लिपट गई मेरी चुनरिया पीली-पीली -२
एक लड़की थी कितनी शर्मीलि हो गई रे मैं कैसी रंगीली
छन-छन
( चूड़ियाँ हाथों में खन-खन पायलें रातों में छन-छन
जल गई रे बरसातों में आ गई दिल की बातों में ) -३