जग सूना सूना लगे - The Indic Lyrics Database

जग सूना सूना लगे

गीतकार - कुमार | गायक - रिचा शर्मा, रहट फ़तेह अली ख़ान | संगीत - विशाल-शेखर | फ़िल्म - ओम शांति ओम | वर्ष - 2007

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मैं तो जिया…  ना मरा 
है वे दस मैं कि करा 

दिल जुड़े बिना ही टूट गए 
हाथ मिले बिना ही छूट गए 
कि लिखे ने लिख किश्मत ने 
बार बार रोड अखियाँ 
तैनू जो ना वेख सकियां 
खोले आए आज क़ुदरत ने 
काटां मैं की वे दिन तेरी सोथ तेरे बिन 
मैं तो जिया ना मरा 

छन से जो टूटे कोई सपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे
कोई रहे ना जब अपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना

है तो ये क्यूँ होता है जब ये दिल रोता है 
रोए सिसक सिसक कि हवाएं 
जग सुना लगे 

छन से जो टूटे कोई सपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे

कोई रहे ना जब अपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे रे… 
सुना लागे रे

रूठी रूठी सारी रातें फीके फीके सारे दिन 
वीरानी सी वीरानी है तन्हाई सी तन्हाई है 
और एक हम हैं प्यार के बिन 
हर पलछिन 

छन से जो टूटे कोई सपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे

कोई रहे ना जब अपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे

पत्थरों कि इस नगरी में 
पत्थर चेहरे पत्थर दिल 
पत्थर है मन मेरा 
क्यूँ राहों में तू आवारा 
यहाँ ना होगा कुछ हासिल मेरे दिल 

छन से जो टूटे कोई सपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे
कोई रहे ना जब अपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे

है तो ये क्यूँ होता है जब ये दिल रोता है 
रोए सिसक सिसक कि हवाएं 
जग सुना लागे 
छन से जो टूटे कोई सपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे

कोई रहे ना जब अपना 
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे रे…