दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दीया - The Indic Lyrics Database

दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दीया

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक महल हो सपनोंका | वर्ष - 1975

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दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दीया
दुनिया की आँधियों से भला ये बुझेगा क्या ?
साँसों की आँच पा के भड़कता रहेगा ये
सीने में दिल के साथ धड़कता रहेगा ये
वो नक़्श क्या हुआ जो मिटाए से मिट गया
वो दर्द क्या हुआ जो दबाए से दब गया
ये ज़िन्दगी भी क्या है अमानत उन्हीं की है
ये शायरी भी क्या है इनायत उन्हीं की है
अब वो करम करें के सितम उनका फ़ैसला
हमने तो दिल में प्यार का शोला जगा लिया