मैं देखूँ जिस ओर सखी री, सामने मेरे साँवरिया - The Indic Lyrics Database

मैं देखूँ जिस ओर सखी री, सामने मेरे साँवरिया

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - अनीता | वर्ष - 1967

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मैं देखूँ जिस ओर सखी री, सामने मेरे साँवरिया
प्रेम ने जोगन मुझ को बनाया
तन को फूँका, मन को जलाया
प्रेम के दुख में डूब गया दिल जैसे जल में गागरिया
रो रो कर हर दुःख सहना है
दुःख सह सह कर चूप रहना है
कैसे बताऊँ, कैसे बिछड़ी पी के मुख से बाँसुरिया
दुनिया कहती मुझ को दीवानी
कोई ना समझे प्रेम की बानी
साजन साजन रटते रटते, अब तो हो गयी बाँवरिया