दिल में हो तुम आँखों में तुम - The Indic Lyrics Database

दिल में हो तुम आँखों में तुम

गीतकार - फारुख कैसर | गायक - एस.जानकी | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - सत्यमेव जयते | वर्ष - 1988

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दिल में हो तुम आँखों में तुम
बोलो तुम्हे कैसे चाहूँ
पूजा करूँ सजदा करूँ
जैसे कहो वैसे चाहूँ
जानू मेरे जानू जान-ए-जाना जानू
तुम्हारा साथ मिला है
ज़रा मैं दिल को संभालूं
नज़र लगे न कहीं मेरी
तुम्हें मैं दिल में छुपा लूँ
ज़ुल्फ़ें मेरी पलकें मेरी
करती रहें तुम पे छाँव
सुहाने सपने दिखाये
हमारे नैना दीवाने
गले से अब तो लगा लो
मिलन के आये ज़माने
हर दम यही डर है मुझे
तुमसे जुदा हो न जाऊँ
बप्पी लाहिरी
(अकेला हूँ मैं अकेला
तुम्हें फिर दिल ने पुकारा
तुम्हारी यादें सताएँ
नहीं है कोई हमारा
दुनिया के ग़म सहता हूँ मैं
बिरहा के ग़म सह न पाऊँ
हमेशा देखा यही है
मिलन के संग है जुदाई
शायद वो होगा दीवाना
चाहत ये जिसने बनाई
चाहे जलूं चाहे मरूं
फिर भी तेरे गुन मैं गाउँ)