दुनिया के दुख हरे हैं तुमने - The Indic Lyrics Database

दुनिया के दुख हरे हैं तुमने

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - ललिता देओलकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - झांझर | वर्ष - 1953

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दुनिया के दुख हरे हैं तुमने-2
हमारे भी दुख हरो गोपाल-2
हे गिरधारी, हे बनवारी-2
नट-नागर-नन्दलाल-2

मात-पिता तुम, बन्धु-सखा तुम-2
तुम हीं सब कुछ स्वामी
हमरे दुख कोई क्या जाने-
जानो अन्तर्यामी-2
चरन-कमल में तुमरे हमने-2
जीवन-फूल दिया है डाल-2
हमारे भी दुख हरो गोपाल


तुम अनाथ के नाथ प्रभू हो-2
सबके संगी-साथी-2
तुमरी जोत में हमने मिला दी
अपनी जीवन-बाती-2
राखो लाज हमारी तुम हीं
हे जग के रखवाल-2
हमारे भी दुख हरो गोपाल

दुनिया के दुख हरे हैं तुमने
हमारे भी दुख हरो गोपाल
हरो गोपाल
गोपाल$