रंगीली हो सजीली हो मैं अलबेलि घूमूँ अकेली - The Indic Lyrics Database

रंगीली हो सजीली हो मैं अलबेलि घूमूँ अकेली

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सुखविंदर सिंह | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - ज़ुबैदा | वर्ष - 2000

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रंगीली हो सजीली होहू अलबेली ओमैं अलबेली घूमूँ अकेली कोई पहेली हूँ मैंपगली हवायें मुझे जहाँ भी ले जायेँ इन हवाओं की सहेली हूँ मैंतू है रंगीली होतू है सजीली होहिरनी हूँ बन में कली गुलशन मेंशबनम कभी हूँ कभी हूँ शोलाशाम और सवेरे सौ रंग मेरेमैं भी नहीं जानूँ आख़िर हूँ मैं क्यातू अलबेली घूमे अकेली कोई पहेली है तूपगली हवायें तुझे जहाँ भी ले जायेँ इन हवाओं की सहेली है तूतू अलबेली घूमे अकेली कोई पहेली पहेलीमेरे हिस्से में आई हैं कैसी बेताबियाँमेरा दिल घबराता है मैं चाहें जाऊँ जहाँमेरी बेचैनी ले जाये मुझ को जाने कहाँमैं इक पल हूँ यहाँ मैं हूँ इक पल वहाँतू बावली हैतू मनचली हैसपनों की है दुनिया जिस में तू है पलीओ
तू अलबेली ओ
हू हू
मैं वो राही हूँ जिसकी कोई मंज़िल नहींमैं वो अरमाँ हूँ जिस का कोई हासिल नहीँमैं हूँ वो मौज कि जिस का कोई साहिल नहीँमेरा दिल नाज़ुक है पत्थर का मेरा दिल नहीँतू अंजानी तू है दिवानीशीशा लेके पत्थर की दुनिया में है चली