मुझे मधुर लगता है उनसे अपना प्यार छुपाना - The Indic Lyrics Database

मुझे मधुर लगता है उनसे अपना प्यार छुपाना

गीतकार - प्रदीप | गायक - अशोक कुमार, नसीम बानो | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - चल चल रे नौजवान | वर्ष - 1944

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अ : हो
न : हो
( मुझे मधुर लगता है उनसे
अ : अपना
प्यार छुपाना
हाँ प्यार छुपाना ) -२भीतर-भीतर हाँ कहूँ मैं
न : ओ
अ : भीतर-भीतर हाँ कहूँ मैं
न : बाहर बोलूँ ना-ना
दो : मुझे मधुर लगता है उनसे
अपना प्यार छुपाना
हाँ प्यार छुपानान : ( कितनी प्यारी थी
अ : कितनी थी बोली
न : उनकी मेरी वो
अ : आँख-मिचोली ) -२न : ( मन के अन्दर मैं कहती थी
अ : आजा
न : आजा हो मोरे राजा ) -२
आजा हो मोरे राजा आजाअ : आँखों से कहती थी ना आना ना आना
न : मैं तो करती थी बहानादो : मुझे मधुर लगता है उनसे
अपना प्यार छुपाना
हाँ प्यार छुपानान : इक इशारे में जो छलके
प्रेम नहीं है वो गहरा
अ : उन आँखों की क़ीमत ही क्या
जिनपे नहीं शरम का पहरा -२न : ओ
मेरी दुनिया अलग है सभी से रे
मेरी दुनिया अलग है सभी से
हां हाँ हाँ मेरी अदा निराली
हां हाँ
अ : ओ हो हो मेरी अदा निरालीन : मैं तो छुप-छुप के प्यार करूँ
हाँ हाँ प्यार करूँ
हो मेरी प्रीत है
हाँ मेरी प्रीत है
प्रीत है
अ : घूँघट वाली
हाँ हाँ घूँघट वालीदो : आ हा हा हा हा आ
प्रीत है घूँघट वाली
घूँघट वाली
प्रीत है घूँघट वालीअ : आ हा हा हा हा
न : आ हा हा हा हा
अ : ओ हो हो हो हो
अ : आ हा हा हा हा
अ : आ हा हा हा हा
दो : आ हा हा हा हा