चांदनी रात और तारे खिले होन - The Indic Lyrics Database

चांदनी रात और तारे खिले होन

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - खुर्शीद, के एल सहगल | संगीत - ज्ञान दत्त | फ़िल्म - भक्त सूरदास | वर्ष - 1942

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कु:(चाँदनी रात और तारे खिले हों)-३
स:(तारों की चैंय्या में दो दिल मिले हों)-२
कु:(चाँदनी रात और तारे खिले हों)-३स:(बदरिया में चंदा घड़ी भर को जाये)-२
कु:(कोई मेरे कानों में कुछ कहने आये)-२
स:(मानूँ तो हँस दे
कु:न मानूँ तो रूठे)-२
स:दुनिया ? जाये दो दिल(होंठ ?) मिले हों
कु:(चाँदनी रात और तारे खिले हों)-२स:(मैं छुप हूँ
मैं छुप हूँ तो उनका जिया बैठा जाये)-२
कु:(मैं पूचूँ
मैं पूचूँ तो उनका जिया तल्मलाये ?)-२
(कभी मैं मनाऊँ कभी वो मनाये)-२
निगाहें मिलें ? सारे खिले हों
निगाहें मिलें ? सारे खिले हों
बोथ:(चाँदनी रात और तारे खिले हों)-२
(तारों की चैंय्या में दो दिल मिले हों)-२
(चाँदनी रात और तारे खिले हों)-२