छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा - The Indic Lyrics Database

छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चांदनी रात | वर्ष - 1949

View in Roman

( छाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा
अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा ) -२खो जाये ना मिल कर कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना
कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना
खो जाये ना मिल कर कहीं उल्फ़त का ख़ज़ाना
रह जाये न लुट कर कहीं अरमानों का डेरा
अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेराखिलने भी न पाईं अभी कलियाँ मेरे दिल की
अभी कलियाँ मेरे दिल की
खिलने भी न पाईं अभी कलियाँ मेरे दिल की
दिल तोड़ के ग़म ने किया पहलू में बसेरा
अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरासुनता नहीं कोई किसे मैं जा के सुनाऊँ
किसे मैं जा के सुनाऊँ
सुनता नहीं कोई किसे मैं जा के सुनाऊँ
दुख-दर्द में डूबा हुआ अफ़साना है मेरा
अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेराछाया मेरी उम्मीद की दुनिया में अंधेरा
अब ये किसे मालूम है कब होगा सवेरा