ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज ना होना - The Indic Lyrics Database

ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर के तुम नाराज ना होना

गीतकार - मिर्जा गालिब | गायक - मोहम्मद रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

View in Roman

मेहरबां लिखूँ, हसीना लिखूँ या दिलरुबा लिखूँ
हैरान हूँ कि आपको इस खत में क्या लिखूँ?
ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर कि तुम नाराज़ ना होना
कि तुम मेरी ज़िन्दगी हो, कि तुम मेरी बंदगी हो
तुझे मैं चाँद कहता था, मगर उस में भी दाग है
तुझे सूरज मैं कहता था, मगर उस में भी आग है
तुझे इतना ही कहता हूँ कि मुझको तुमसे प्यार है
तुझे गंगा मैं समझूँगा, तुझे जमुना मैं समझूँगा
तू दिल के पास है इतनी, तुझे अपना मैं समझूँगा
अगर मर जाऊँ रूह भटकेगी तेरे इंतजार मैं