गोल माल है भाई सब गोल माल हैं - The Indic Lyrics Database

गोल माल है भाई सब गोल माल हैं

गीतकार - गुलजार | गायक - किशोर कुमार, अमित | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - गोलमाल | वर्ष - 1979

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गोल माल है भइ सब गोल माल है -२
अरे गोल माल है भइ सब गोल माल है
हर सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल है
गोल माल है सब गोल माल हैभूख रोटी की हो तो पैसा कमाइये
पैसा कमाने के लिये भी पैसा चाहिये
माँगे से ना मिले तो पसीना बहाइये
बहता है जब पसीना तो रूमाल चाहियेहो गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
हर सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल है
गोल माल है सब गोल माल हैरूमाल बन गया भी गर कमीज़ फाड़ कर
कमीज़ के लिये भी तो फिर कपड़ा चाहिये
अरे कपड़ा किसी ने दान ही में दे दिया चलो
दर्ज़ी के पास जा के वो पहले सिलाइयेहो गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
हे हे हे हे
हर सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल गोल माल गोल
गोल माल है सब गोल माल हैबिन सिली कमीज़ पे तो कुछ नहीं लिया
सिली हुई कमीज़ पे सिलाई चाहिये
सिलाई देने के लिये फिर पैसा चाहिये
पैसा कमाने के लिये फिर पैसा चाहियेहो गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल गोल माल
गोल माल है भइ सब गोल माल है
हे हे हे हे
हर सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
सीधे रस्ते की एक टेढ़ी चाल है
गोल माल है भइ सब गोल माल है
गोल माल माल गोल गोल गोल गोल
गोल माल है सब गोल माल है
गोल
माल