दुनिया है इसी का नाम - The Indic Lyrics Database

दुनिया है इसी का नाम

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - सोहनी महिवाल | वर्ष - 1958

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दुनिया है इसी का नाम
कहीं शादी कहीं बरबादी-2
कभी सुबह कभी है शाम
कहीं शादी कहीं बरबादी

नग़्मा है कहीं शहनाई का
मातम है कहीं तनहाई का
कोई ज़हर पिए कोई जाम हो रे
कोई ज़हर पिए कोई जाम
दुनिया है इसी का ...

तुम गैर से नाता जोड़ चले
और मुझको तड़पता छोड़ चले
सोचा ना मेरा अंजाम रे
सोचा ना मेरा अंजाम
दुनिया है इसी का ...

हो तुमको मुबारक दुनिया नई
कर लेना हमें भी याद कभी-2
तुम शाद हो हम नाकाम रे
तुम शाद हो हम नाकाम
दुनिया है इसी का ...$